Some Players work relentlessely but to be a champions one needs to sacrifice. Haryana boy Manjit Singh pleasantly stunned by winning Gold in 800 meters men’s event with a timing of 1:46:15 in Asian Games. But, His life story and struggle is quite similar to that of any bollywood movie.
#AsianGames2018, #manjitsingh
कड़ी मेहनत और लगन के अलावा किसी भी खिलाड़ी को चैंपियन बनने के लिए कुर्बानी भी देनी पड़ती है. ये कुर्बानी किसी भी रूप में हो सकता हो. जैसे, परिवार से दूर, अपने बच्चों से दूर या फिर अपनी मोहब्बत. संघर्ष की आग से हर किसी को गुजरना पड़ता है. तभी जाकर वो सोना बन सकता है. भारत के चैंपियन एथलीट मंजीत सिंह के 800 मीटर की रेस में गोल्ड जीतने का जश्न भले ही पूरा देश मना रहा हो. लेकिन, इस गोल्ड के लिए उन्होंने कितने पापड़ बेले हैं. वो सिर्फ मंजीत ही जानते हैं. दरअसल, मंजीत के पास कोई स्थायी सरकारी नौकरी नहीं है. एथलेटिक्स का शौक उनके परिवार का पेट नहीं पाल सकता था. इसलिए, दो साल पहले उन्होंने रेस ट्रैक से दूर रहने का फैसला कर लिया था.